News Word Special, नई टिहरी: मानसून सत्रावधि में दूरस्थ क्षेत्रों में दैवीय आपदा, घटना दुर्घटनाओं की स्थिति में तत्काल खोज बचाव एवं प्रतिव...
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नई टिहरी: मानसून सत्रावधि में दूरस्थ क्षेत्रों में दैवीय आपदा, घटना दुर्घटनाओं की स्थिति में तत्काल खोज बचाव एवं प्रतिवादन कार्यवाही सुनिश्चित करने के दृष्टिगत तहसील घनसाली, प्रतापनगर, नरेन्द्रनगर, कीर्तिनगर, देवप्रयाग, जाखणीधार, कंडिसौड, धनोल्टी, नैनबाग, टिहरी में जिला आपदा प्रतिवादन बल (डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) तैनात की गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण टिहरी गढ़वाल द्वारा तहसीलों में उपलब्ध होमगार्ड्स, पीआरडी जवानों को पांच दिवसीय आपदा प्रबन्धन खोज-बचाव एवं प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जिनमें से कुशल पांच-पांच कार्मिकों को डी.डी.आर.एफ. टीम में तैनात किए जाने के आदेश निर्गत किये गए हैं।
उक्त डी.डी.आर.एफ. टीम मानसून सत्र समाप्ति अवधि दिनांक 30 सितम्बर 2021 तक तहसीलों में तैनात रहेगी तथा क्षेत्र में किसी भी आपदा, घटना, दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार के मार्ग दर्शन पर तत्काल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना होगी तथा खोज-बचाव कार्य प्रारम्भ करेगी। डी.डी.आर.एफ. टीम के पास तहसीलों में उपलब्ध खोज-बचाव उपकरण हर समय तैयार स्थिति में रहेंगे तथा टीम चौबीसों घंटे अलर्ट मोड़ पर रहेगी। यथा आवश्यकता निकटवर्ती थानों से भी खोज-बचाव उपकरण प्राप्त किये जा सकेंगे।
डी.डी.आर.एफ. टीम न्यून प्रतिक्रिया समय के आधार पर कार्यवाही करेगी तथा तत्परता से घटना स्थल पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्य प्रारम्भ करेगी। उक्त टीम तहसीलों में ही रहेगी तथा तहसील कंट्रोल रूम, जो कि मानसून सत्र में चौबीसों घंटे क्रियाशील रहेंगे, के निरन्तर सम्पर्क में रहेगी। घटना की सूचना प्राप्त होते ही डी.डी.आर.एफ. टीम बिना समय गवाये तहसील स्तर पर उपलब्ध वाहन से घटना स्थल पर पहुचकर कार्य करेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि डी.डी.आर.एफ. टीम घटना स्थल पर पहुंच कर घटना का प्रकार, प्रभावितों की संख्या, भौगोलिक क्षेत्र की सूचना, प्राथमिकता के आधार पर जिला/तहसील आपदा कंट्रोल रूम को उपलब्ध करवाएगी। खोज-बचाव में अन्य संसाधनों की आवश्यकता का तत्काल आंकलन करते हुए जिला/तहसील आपदा कंट्रोल रूम को अवगत कराया जाएगा, ताकि ससमय कार्यवाही की जा सके।
घटना स्थल पर पहुंचने वाली अन्य टीमें यथा-पुलिस, एम्बुलेंस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आर्मी आदि के साथ भी डी.डी.आर.एफ. टीम समन्वय से खोज-बचाव कार्य करेगी। यदि इस दौरान जिला/तहसील आपदा कंट्रोल रूम से किसी अन्य आपदा/दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र की रवानगी के लिए निर्देशित किया जाएगा, तो टीम तत्काल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना होगी।
खोज-बचाव कार्य की समाप्ति पर टीम अपनी तैनाती तहसील में आकर अपनी आख्या जिला/तहसील कंट्रोल रूम को सौंपेगी तथा अपने उपकरण/सामग्री को अन्य खोज-बचाव कार्य के दृष्टिगत हर समय तैयार/चालू स्थिति में रखेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि भविष्य में डी.डी.आर.एफ. टीम को और अधिक दक्ष व कार्यकुशल बनाये जाने के दृष्टिगत समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर टीम सदस्यों में दक्षता व कार्यकुशलता के आधार पर परिवर्तन किया जाता रहेगा, ताकि खोज-बचाव प्रतिवादन की गुणवत्ता का उच्च स्तर बना रहे।
"तहसीलों में डीडीआरएफ टीम तैनाती का मुख्य उद्देश्य दूर-दराज के क्षेत्रों में खोज-बचाव तंत्र को और अधिक मजबूत व सुदृढ करना है, ताकि बाहरी सहायता प्राप्त होने से पूर्व स्थानीय स्तर पर तत्काल प्रतिवादन कर अधिक से अधिक जीवन रक्षा के साथ-साथ आपदा की क्षति को न्यून किया जा सके"-इवा आशीष श्रीवास्तव, जिला मजिस्ट्रेट/अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, टिहरी गढ़वाल।
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